वुजू करने का तरीका


वुजू मे चार फर्ज होते है

पूरे चेहरे का धोना
दोनों हाथ कुहनियों समेत धोना
टखनो समेत दोनों पैर धोना
चौथाई सर का मसाह करना

वाजिव

अंगूठी या छल्ला पहना हुआ है तो पानी उसके नीचे पहुंचाना

 सुन्नत

नियत करना
बिस्मिल्लाह पढ़ना
तीन बार दोनों हाथ गट्टों तक धोना
तीन बार कुल्ली करना
तीन बार नाक में पानी डालना
सर का मसाह करना
दाढ़ी में खलाल करना ताकि कोई बाल सुखा ना रह जाए
ऊगंलियों  का खलाल करना
कानो का मसह करना
हर अंग को तीन बार धोना
धोते वक्त हाथ से मलना
तरतीब से वुजू करना
लगातार करना यानी धोने में इतनी देर ने करना कि जो अंग पहले धो लिया जा चुका है वह सूख जाए

 मुस्तहब

दाई जानिब से शुरू करना
गर्दन पर मसह करना
नमाज के वक्त से पहले वुजू करना
किबला की तरफ रुख करके बैठना
पाक और ऊंची जगह पर बैठकर वजू करना


         

  मकरुह

ज्यादा पानी बहाना
नापाक जगह पर वुजू करना
वुजु करते वक्त दुनिया की बातें करना
सीधे हाथ से नाक साफ करना
सुन्नत के खिलाफ वजू करना
हर अंग को 3 बार से ज्यादा धोना


वुजू कि तरतीब


  • एक लोटा पानी लीजिए और ऊंची जगह पर बैठ कर वुजू करे मुंह काबे शरीफ की तरफ कर लीजिए 
  • सबसे पहले बिस्मिल्ला पढे़ और दोनों हाथ तीन बार गट्टे तक धोइए 
  • अब मिस्वाक से या दाए हाथ कि बडी ऊंगली से दांत  साफ कीजिए और तीन बार कुलली कीजिए 
  • इसके बाद बाऐं हाथ की छोटी ऊंगली से तीन बार नाक साफ कीजीए और तीन बार नाक की नरम हडडी तक पानी चढा़ए
  • अब तीन बार पानी से पूरे चेहरे को धोइए एक कान की लो से दूसरे काम की लो तक और पेशानी से लेकर ठोडी़ के नीचे तक एक बाल बराबर भी सूखा ना रहे वरना वुजू नही होगा
  • अब तीन बार दोनों हाथ कोहनीयों तक धोइए पहले दाया फिर बाया
  • इसके बाद चौथाई सर का ,गर्दन और कान का मसह किजीए 
  • अब तीन बार दोनों पैर गटटे तक धोइए पहले दाया पैर फिर बाया पैर 

वुजु 8 चीजों के हो जाने से टूट जाता है

1. मुंह भर कर उल्टी का हो जाने से 

2. नमाज की हालत में खिल खिला कर हसने से जो दूसरे के कानो तक सुन ले

3.बदन से खून या पीप का निकलना जो इतनी मिकदार में हो की दूसरी जगह बह जाए 

4. टेक लगा कर सो जाने से भी वुजू टूट जाता है

5. पेशाब और पखाना वाले रास्ते से मनी, वदि, मजी का निकालना

6. पीछे के रास्ते से हवा खारिज होने से

7. पागल या दीवाना  हो जाने पर

8. बेहोश हो जानें से बीमारी या नसे से